हत्या को बता दिया आत्महत्या, परिजनो में पुलिस के खिलाफ आक्रोश सौंपा ज्ञापन
राजस्थान धड़कन न्यूज गजेंद्र लखारा सलूंबर सराडा निवासी पीड़ित प्राथों एवं नाबालिग मृतका के पिता लक्ष्मण लाल कलासुआ पुत्र मानाजी कलासुआ, निवास- सदकडी (हरी डूंगरी उपला फला) के साथ बलुआ गाँव के 150 से अधिक ग्रामीणों ने एडवोकेट नरेन्द्र कुमार जोशी के तत्वाधान में सलुम्बर जिला प्रशासन के समक्ष उपस्थित हो जिला कलक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट दी की “मुझ प्रार्थी की पुत्री दीपिका कुमारी मीणा उम्र-17 वर्ष मुझ प्रार्थी की पुत्री माया के ससुराल गाँव- बलुआ रहकर पढ़ाई करती थी, 31 जुलाई 2024 को मुझ प्रार्थी की पुत्री माया जब खेत से घर लौटी तो देखा की मुझ प्रार्थी की पुत्री दीपिका खाट की रस्सी से मृत अवस्था में लटकी हुई थी और जमीन पर घुटने टिके हुए मुड़े हुए है मेरी पुत्री माया के चिल्लाने पर सभी पडौसी एकत्रित हुए जिसमे से किसी ने पुलिस को सुचना दी और मुझ प्रार्थी को सुचना मिलने पर मै प्रार्थी बदहवाश स्थिति में घटना स्थल पहुंचा मुझ प्रार्थी के वहा पहुचने के पश्चात पुलिस थाना सराडा के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे जिनके द्वारा घटना स्थल की फोटोग्राफी, विडिओग्राफी और नक्शा मौका रिपोर्ट कर मुझ प्रार्थी की पुत्री दीपिका के मृत शरीर से रस्सी अलग की और पोस्टमार्टम हेतु ले गये और मुझ प्रार्थी को कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाए उक्त घटना के बाद मुझ प्रार्थी एवं परिवारजन द्वारा पुलिस थाना सराडा को उक्त प्रकरण में अभियुक्तगण पप्पू उर्फ कालू और महेंद के द्वारा दुष्कर्म कर हत्या किये जाने के संदर्भ में जानकारी दी किन्तु पुलिस थाना सराडा द्वारा उक्त प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं की जाकर आत्महत्या किये जाने सम्बंधित मर्ग दर्ज कर उक्त प्रकरण में हत्या को आत्महत्या साबित करने पर आमादा है जबकि वास्तविकता यह है की पप्पू उर्फ कालू पुत्र राजू अहारी निवास- बलुआ (पलात फला- उबा पाना) मुझ प्रार्थी की पुत्री दीपिका के साथ अक्सर छेड़खानी करता था और कई बार उसके साथ जबरजस्ती कर चुका था और आये दिन उसे फोन कर डरावा धमकाया करता था और ब्लेकमेल कर जबरजस्ती करने का दबाव डालता था जिस वक्त मुझ प्रार्थी की पुत्री दीपिका घर पर अकेली थी उस वक्त पप्पू उर्फ कालू पडौस के महेंद्र डामोर पुत्र रमेश डामोर के घर की छत पर उसके साथ था मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया की जब मुझ प्रार्थिया की पुत्री माया घर से निकली तब पप्पू उर्फ कालू घर में घुसा था चूँकि पप्पू उर्फ कालू पहले से ही मुझ प्रार्थी की पुत्री दीपिका पर बुरी नजर रखता था और आये दिन उससे छेड़खानी किया करता था और महेंद्र द्वारा सहयोग किया जाता था इस संदर्भ की जानकारी जब हमारे द्वारा पुलिस थाना सराडा को दी गई तो उनके द्वारा दोनों ही अभियुक्तगण पप्पू उर्फ कालू और महेंद्र को पूछताछ हेतु बुलाया गया और पप्पू उर्फ कालू को पुलिस कस्टडी में रखते हुए महेंद्र डामोर को छोड़ दिया गया तत्पश्चात जब हाल ही में हमारे फले के लोगो ने महेंद्र डामोर से कहा गया की वह बताये की आखिर घटना क्या है तो महेंद्र ने पुरे फले (मौहल्ले) के सामने खुद का बचाव करते हुए बताया की पप्पू उर्फ कालू अहारी पिछले तीन साल से दीपिका के साथ खोटा काम करने के लिए पीछे पडा है और जब दीपिका घर में अकेली थी तब पप्पू उर्फ कालू उसी घर में घुसा था जिस घर की दीपिका मृत पाई गई उक्त घटना से साफ़ स्पष्ट है की पप्पू उर्फ़ कालू जो आदतन चरस गांजे का आदि है उसने और महेंद्र ने मिलकर मुझ प्रार्थी की पुत्री के साथ जबरदस्ती की और बाद में बात खुल जाने के डर से उसे जान से मार डाला और खुद को बचाने की गरज से खाट की रस्सी का फंदा बना उसके गले में डाल लटका दिया ताकि हत्या आत्महत्या लगे उक्त घटना के पश्चात पुलिस द्वारा मृतक दीपिका के गले से रस्सी निकालने के फोटो और विडिओ प्रार्थी के पास मौजूद है जिसमे पूरी तरह से स्पष्ट है की मृत दीपिका के के पंजे नही अपितु घुटने जमीन पर लगे हुए है जिसे देख कोई भी प्रज्ञावान व्यक्ति स्पष्ट कह सकता है की उक्त प्रकरण में दीपिका की हत्या की गई है और उससे पहले उसके साथ दुष्कर्म हुआ है एक नाबालिग युवती के साथ हुई इस दुष्कर्मी हत्या को पुलिस थाना सराडा के अनुसंधान अधिकारी मात्र मर्ग दर्ज कर आत्महत्या साबित करने पर आमादा है उदयपुर संभाग के आदिवासी क्षेत्रो में इस तरह मार कर लटका दिया जाना आम बात है किन्तु पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नही किये जाने पर आरोपियों के हौसले बुलंद हो रहे है और इस तरह की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढती जा रही है उक्त प्रकरण में पुलिस द्वारा आत्महत्या बताते हुए पोस्टमार्टम करवा दिया गया जबकि उक्त घटना के अनुरूप कोई विस्तृत पोस्टमार्टम नही किया गया न ही विधि विज्ञान प्रयोगशाला एवं तकनीकी विशेषज्ञों की सहायता ली जा रही है मृतक दीपिका को इन्साफ मिल सके जिस कारण प्रार्थी एवं ग्रामवासियों द्वारा मृतक दीपिका का अग्नि संस्कार नहीं किया गया है और उसे दफनाया गया है परिजनों द्वारा उचित कार्यवाही की मांग और मृतक के शरीर का साईटिफिक तरीके से मेडिकल पोस्टमार्टम हो सके एवं सम्पूर्ण वह विस्तृत अनुसंधान हो सके जो एक दुष्कर्म कर की जाने वाली हत्या में आवश्यक है साथ ही उक्त प्रकरण से सम्बंधित आरोपियों के मोबाइल नम्बर उनकी सीडीआर रिपोर्ट भी तलब किया जाना उक्त प्रकरण के न्यायपूर्ण निस्तारण हेतु नितांत आवश्यक है की जाए मृतक दीपिका महज 17 वर्ष की थी जिस पर कोई आर्थिक सामाजिक एवं घरेलु जिम्मेदारी नहीं थी और न ही कोई मानसिक अवसाद था की उसे आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़े चूंकि पुलिस थाना सराडा द्वारा उक्त प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है और उक्त घटना से सम्पूर्ण गाँव में रोष, भय एवं असुरक्षा का माहौल व्याप्त है उक्त रिपोर्ट के साथ ग्रामीणों ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए उक्त प्रकरण में अभियुक्तगण के विरुद्ध पुलिस थाना सराडा से पृथक अन्य पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज कराई जाकर पुलिस उच्चाधिकारी से निष्पक्ष अनुसंधान कराए जाने की मांग की ताकि मृतक दीपिका और प्रार्थी को इन्साफ प्राप्त हो और आदिवासी क्षेत्र में इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगे, साथ ही प्रस्तुत रिपोर्ट की प्रति पुलिस महानिरीक्षक, DGP राजस्थान पुलिस और मुख्यमंत्री कार्यालय भी प्रेषित की