कविता सरवाडिया ने दसलक्षण पर्व की बेला में 10 उपवास की उत्कृष्ट तप साधना की
राजस्थान धड़कन न्यूज़ रवि जोशी रामगंजमंडी परम पूज्य पट्ट गणिनी आर्यिका 105 विमलप्रभा माताजी संघ सानिध्य में 10 लक्षण पर्व पर कविता सरवाडिया धर्मपत्नी कामेश सरवाडिया ने दसलक्षण पर्व पर 10 उपवास की साधना की है
उनका दसवां उपवास अनंत चतुर्दशी पर पूर्ण होगा इन्होंने सभी प्रकार के अन्न का त्याग कर उत्कृष्ट तप साधना की है पंचम युग में ऐसी उत्कृष्ट साधना अपने आप में अनुपम होती है नित्य प्रति देव दर्शन करना पूजन करना सामयिक आदि में रहकर तप साधना करते अपने कर्मों की निर्जरा तपस्या का प्रतिफल अपने आप में अनुपम होता है जैन दर्शन में साधना उपवास का महत्वपूर्ण स्थान होता है व्रत उपवास आदि से आत्म शुद्धि होती है जैन दर्शन में उपवास आदि करने का महत्व विशेष है कहां जाता है कि इस भव के साथ पर भव भी सुधरता है कविता का कहना है कि मुझे उपवास करने से आत्मिक शांति का अनुभव होता है और अंदर एक ऊर्जा का संचार होता है आपको बता दे पिछले वर्ष भी इनके द्वारा पंचमेर जी के पांच उपवास की साधना की थी उनकी पंचम युग में ऐसी तप साधना अनुमोदनीय है