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April 18, 2025
दैनिक समाचार

निजीकरण के विरोध में अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन

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राजस्थान धड़कन न्यूज योगेश जोशी सलूंबर विद्युत के उत्पादन प्रसारण एवं वितरण निगमों में भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर किये जा रहे अंधाधुध निजिकरण पर रोक लगाने के लिए अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ जिला सलूंबर ने मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी पर्वत सिंह चुंडावत को ज्ञापन सौंपा अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ जिला उपाध्यक्ष रामराज ने ज्ञापन सौंपते बताया की संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा 25 अक्टूबर 2024 को एवम 18 नवंबर 2024 को विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन प्रसारण एवं वितरण में भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर किये जा रहे अंधाधुंध निजिकरण पर रोक लगाने हेतु राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा आग्रह किया गया था परन्तु विद्युत प्रशासन द्वारा इन्हें रोकने पर अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाये गये हैं विद्युत क्षेत्र का निमार्ण व संचालन राज्य सरकार द्वारा निगम के माध्यम से उद्योग धंधों के विकास कृषि के उपयोग व घरेलु उपभोक्ताओं के दैनिक दिन उपभोग हेतु किया जाता है राज्य सरकार द्वारा इस विद्युत क्षेत्र का संचालन बिना लाभ-हानि के सिद्धांत पर अपनी राज्य की जनता के प्रति लोक कल्याणकारी सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी के निर्वहन हेतु किया जाता है परन्तु वर्तमान सरकार अपनी लोक कल्याणकारी भूमिका को छोडकर विद्युत क्षेत्र को लाभ-हानि के आधार पर संचालन की मंशा से आगे बढ रही है उसी के कारण विद्युत प्रशासन द्वारा विद्युत के वितरण प्रसारण व उत्पादन में वर्तमान से द्रुतगति से भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर निजिकरण किया जा रहा है उन्होंने बताया की वितरण के क्षेत्र में तीनों डिस्कॉम में वर्तमान में अधिकतर कार्य आउँटसोर्स एफआरटी ठेके व सीएलआरसी इत्यादि नामों से निजि भागीदारी द्वारा करवाये जा रहे हैं अब HAM मॉडल के तहत 33/11 केवी ग्रिड के फीडर सेग्रिगेशन व सोलराईजेशन के नाम पर आउटसॉर्स कर निजी हाथों में दिया जा रहा है जो कि ग्रिड सैफ्टी कोड का सीधा-सीधा उल्लंघन है इसके कारण HAM मॉडल के तहत 33/11 केवी ग्रिड निजी हाथों में देने से राज्य व देश की सामरिक सुरक्षा को किसानों/जनता के आन्दोलनों प्रदर्शनों एवं युद्ध के समय में खतरा उत्पन्न हो सकता है एवम प्रसारण निगम जो कि वर्षों से लाभ देने वाला संस्थान है उसके बावजूद इसके ग्रिडों का संचालन कलस्टर के माध्यम से ठेके पर देकर करवाया जा रहा है एवं अब इनविट के माध्यम से प्रसारण की आर्थिक सुदृढता व लाभकारी स्थिति में विशेष योगदान देने वाले 765 केवी व 400 केवी ग्रिड सब-स्टेशन से प्राप्त होने वाली आय को इस मॉडल के माध्यम से निजि भागीदारों को बांटकर प्रसारण को भी हानि का निगम बनाने का प्रयास किया जा रहा है ओर उत्पादन निगम के उच्च गुणवत्ताव एवं कम विद्युत उत्पादन लागत वाले तापीय विद्युत उत्पादन गृह जो वर्तमान में सुचारु रुप से विद्युत उत्पादन कर रहे हैं और राजस्थान प्रदेश को विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में आत्म निर्भरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं इन पॉवर प्लान्टों को नये पॉवर प्लान्टों हेतु धन की कमी का बहाना बताकर केन्द्रीय सार्वजनिक निगमों के साथ संयुक्त उपक्रम (ज्वाईंट वैचर) बनाकर हस्तान्तरित करने की प्रक्रिया को बन्द किया जाये राजस्थान सरकार इसमें अपने हिस्सा एवं आधिपत्य को बेवजह छोडकर प्रदेश की जनता व कर्मचारियों के हितों के साथ विश्वासघात कर रही है वो भी तब जब इन वर्तमान नापीय विद्युत उत्पादन गृह में किसी प्रकार का पूंजीगत निवेश निगमों व राज्य सरकार को नहीं करना है पांचों विद्युत निगमों में कार्यरत कर्मचारियों को लगभग एक वर्ष पूर्व ओ.पी.एस. योजना का फार्म भरवाकर सदस्य बना दिया गया है परन्तु अभी तक ओ.पी.एस. योजना राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प.13 (12) वित्त (नियम)/2021 जयपुर दिनांक 20.04.2023 की बिन्दु संख्या 1.5 में स्पष्ट उल्लेख है कि ‘पुरानी पेंशन योजना संस्था में लागू होने के बाद नियोक्ता अंशदान के रुप में कोई कटौती सीपीएफ योजना के अन्तर्गत नहीं की जायेगी’ की अनुपालना में आज दिनांक तक सीपीएफ कटौती बन्द कर जी.पी.एफ कटौती शुरु नहीं की गई उक्त ज्ञापन के माध्यम से राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति में शामिल संगठन जो विद्युत के पांचो निगमों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते है जिला उपाध्यक्ष रामराज ने कहा की कार्य बहिष्कार करते हुए ज्ञापन के माध्यम से आपसे मांग करते हैं कि वितरण प्रसारण एवं उत्पादन निगमों में उपरोक्त वर्णित विभिन्न प्रक्रियाओं व मॉडल के नाम से किये जा रहें निजिकरण पर रोक लगाई जावे एवं नये कर्मचारियों की भर्ती कर ग्रिङ सब-स्टेशनों व तापीय विद्युत उत्पादन गृह का संचालन निगम कर्मचारियों के माध्यम से करवाया जाये एवं कर्मचारियों को ओ.पी.एस योजना का पूर्ण लाभ देने हेतु सी.पी.एफ कटौती बन्द कर जी.पी.एफ कटौती शुरु की जावे विद्युत प्रशासन व राज्य सरकार द्वारा कर्मचारी व अधिकारियों के इस लोकतांत्रिक माध्यम से विभाग बचाने हेतु दिये गये ज्ञापन पर संज्ञान नहीं लिया जाता है तो भविष्य में देश उद्योग व श्रमिक हित में लोकतांत्रिक श्रमिक आंदोलन जारी रहेगें


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