धनवर्षा क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसायटी का संचालन कर धन दुगुना व तिगुना करने के मामले में न्यायालय ने सुनाया फैसला
राजस्थान धड़कन न्यूज़ आशुतोष त्रिपाठी सरवाड धनवर्षा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी का संचालन कर धन को दुगुना व तिगुना करने के मामले में शहर में स्थित सिविल न्यायालय में विचाराधीन सरकार बनाम बलवीर सिंह प्रकरण में न्यायालय द्वारा सुनवाई कर न्यायिक मजिस्ट्रेट कार्तिक शर्मा ने आरोपी को दोषसिद्ध किया जाकर साढ़े तीन वर्ष के कारावास एवम 15 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया इस सन्दर्भ में मिली जानकारी के अनुसार विगत 7 अगस्त 2020 को अभियुक्त राजेन्द्र सिंह कार्यकारी अधिकारी धनवर्षा क्रैडिट कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड मुख्य कार्यालय आदर्श नगर अजमेर, भगवान सिंह मुख्य अध्यक्ष,शिवराज सिंह उपाध्यक्ष, लक्ष्मी कंवर सचिव, बलवीर सिंह कोषाध्यक्ष,यशवर्धन, महेंद्र सिंह,शम्भूनाथ, राजपाल सिंह, भूपेंद्र सिंह, विनीता शर्मा,कमलेश के खिलाफ परिवाद पेश कर बताया की परिवादीगण अभियुक्तगण की सोसायटी धनवर्षा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी शाखा सरवाड के कर्मचारी है तथा अभियुक्तगण ने धनवर्षा क्रेडिट को आपरेटिव सोसायटी लि अजमेर के नाम से एक सोसायटी खोल रखी है जिसमे सावधि जमा, मासिक जमा योजना, दैनिक जमा योजना, आवर्ती जमा योजना के तहत सोसायटी ने दे रखी है तथा वर्ष 2012 में सरवाड में भी धनवर्षा क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी का संचालन कर धन दुगुना व तिगुना करने का प्रलोभन दिया इसके बाद जुलाई 2015 में परिवादीगण को प्रवंचित कर कहा की तुम उक्त शाखा में काम करो इस प्रकार वह अभियुक्तगणों के विश्वास व झांसे में आ गए और इसके बाद अपने परिवारजनों, मिलने जुलने वालो एवम रिश्तेदारों से उक्त धनवर्षा सोसायटी में लाखो रुपये जमा करवा दिए जो कि आज भी अभियुक्तगण के पास में जमा है परिवादीगण एवम ग्राहकों का 1 नवम्बर 2019 से 21 मार्च 2020 तक 40 लाख रुपए भुगतान हेतु सोसायटी में बकाया थे इसके बाद आरोपी बलवीर सिंह पुत्र जय सिंह निवासी देवलिया के विरुद्ध धारा 420, 406 एवम 120 बी भादस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया तथा इस प्रकरण में 23 मई 2023 को सहायक अभियोजन अधिकारी सरवाड ने थानाधिकारी सरवाड की ओर से अभियुक्त के विरुद्ध उक्त धाराओं में आरोप पत्र सरवाड स्थित सिविल न्यायालय में पेश किया गया दोराने सुनवाई अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में मौखिक साक्ष्य के रूप में गवाह परीक्षित करवाए गए बहस अंतिम के दौरान सहायक अभियोजन अधिकारी धर्मवीर सिंह की ओर से कथन किया गया की अभियोजन पक्ष की ओर से परीक्षित समस्त गवाहान की साक्ष्य एवम अन्य प्रदर्शित दस्तावेजी साक्ष्य से अभियुक्त के विरुद्ध आरोपित अपराध संदेह से परे साबित है अतः अभियुक्त को दोषसिद्ध किया जाकर दंडित किया जाए वही दोराने बहस अधिवक्ता अभियुक्त द्वारा विरोध करते हुए यह तर्क दिया की प्रार्थी ने अभियुक्त के विरुद्ध झूठा मुकदमा दर्ज करवाया है ओर गवाहान के बयानों से उक्त प्रकरण की ताईद नही होती है ओर गवाहों के बयानों में गम्भीर विरोधभास है अतः अभियुक्त को बरी किया जाए जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट कार्तिक शर्मा ने अभियुक्त बलवीर सिंह पुत्र जय सिंह निवासी ग्राम देवलिया पुलिस थाना सराना जिला अजमेर को आरोपित अपराध अंतर्गत अनुकल्पित धारा 420, 406 एवम 120 बी भादस में दोषसिद्धि किया जाकर धारा 420,, अनुकल्पित 406 भादस के तहत तीन वर्ष का साधारण कारावास तथा दस हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया धारा 120 बी भादस के तहत 6 माह का साधारण कारावास तथा पांच हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया