आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन ,देश के भावी नोनिहालो को तैयार करने वाले कार्मिकों का भविष्य सवारे सरकार
राजस्थान धड़कन न्यूज योगेश जोशी सलूंबर जिले के समस्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा एकत्रित होकर जिला कलेक्टर सलूंबर जसमीत सिंह संधू के समक्ष उपस्थित होकर अपनी लंबित मांगों को पूरा करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में बताया की देश की 28 लाख आंगनवाड़ी मानदेय कार्मिकों की प्रमुख समस्याओं का समय रहते समाधान कराया जाए
कार्यकर्ताओं ने कहा की देश हित में वर्ष 1975 से नौनिहालों का शिक्षण पोषण कर देश एवं राज्यों के लिए भावी कर्णधारों को तैयार कर रही इन मेहनतकश अल्प मानदेय कार्मिकों का ना कोई वर्तमान है ना ही भविष्य सुरक्षित है ज्ञापन में अपनी मुख्य मांग रखते हुए बताया की स्थाई कर्मचारी बनाया जाएः भारत सरकार के बाल विकास मंत्रालय के दिशा निर्देशानुसार देशभर में करीब 28 लाख महिला कार्मिक अल्प मानदेय पर कार्यरत है इनके साथ वाले एवं बाद के संविदा कर्मियों को राज्य सरकारों द्वारा नियमित किया जाता रहा है नयी शिक्षा नीति के मध्यनजर आंगनवाडी कार्यकर्ता / सेविकाओं को नर्सरी टीचर बनाया जाने के विकल्प एवं विकल्पों पर विचार कर समय रहते नियमित करने का निर्णय लिया जाना न्याय संगत होगा सम्मानजनक मानदेय वृद्धि की जाएः- भारत सरकार ने गार्च 2019 में कार्यकर्ता के 3000/- रूपये से 4500/- रूपये व सहायिकाओं के 1500/- रूपये से 2250/- रूपये मानदेय वृद्धि की जिसमें 60:40 का अंशदान केन्द्र एवं राज्य का है विगत 6 वर्षों में मंहगाई निरन्तर बढ़ी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक दर में निरन्तर इजाफा हुआ जिसके कारण केन्द्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया गया आम मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी में भी बढोतरी हुई परन्तु विडम्बना है कि सत्तारूढ़ केन्द्र सरकार द्वारा इन आंगनबाड़ी कार्मिकों का मानदेय नही बढ़ाया गया केन्द्र सरकार द्वारा दिये जा रहे मानदेय अंशदान में तीन गुना मानदेय वृद्धि किया जाना न्यायोचित रहेगा जिसमें राज्य के अंशदान को जोडने पर 20 से 25 हजार रूपये तक मानदेय वृद्धि हो सके यह सुनिश्चित किया जाये आंगनवाड़ी कार्मिकों को सेवा निवृति पर 10 लाख रूपये आर्थिक सहायता एवं पेंशन सुविधा होः- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के मानदेय सेवानिवृति पर कोई सामाजिक सुरक्षा कवच नहीं है अतः सेवानिवृति पर जीवन के अन्तिम पड़ाव वृद्धावस्था में दस लाख रूपये नकद भुगतान एवं मासिक नियमित पेंशन लाभ मिले नीति बनायी जाये यह सुविधा कार्मिकों के लिए वृद्धावस्था में ‘एक लाठी का सहारा’ होगा