अनेकता में एकता भारत की विशेषता’: गुलाबचन्द कटारिया, राज्यपाल पंजाब , शिल्पग्राम में शास्त्रीय संगीत और नृत्य का उत्सव ‘मल्हार’
राजस्थान धड़कन न्यूज योगेश जोशी उदयपुर पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर द्वारा दर्पण सभागार में आयोजित दो दिवसीय मल्हार उत्सव का शुभारंभ गुलाबचन्द कटारिया राज्यपाल पंजाब एवं प्रशासक चंडीगढ़ ने दीप प्रज्वलन कर किया राज्यपाल पंजाब एवं प्रशासक चंडीगढ़ गुलाबचन्द कटारिया ने बताया कि संगीत और कविताओं ने हमेशा से ही सबको प्रेरित किया है हमारे देश की विभिन्न उत्सव वेशभूषा वाद्य भाषा अलग-अलग होने पर भी सब मिलकर भारत का स्वरूप दिखाई देता है यही अनेकता में एकता भारत की विशेषता है वास्तव में हर त्यौहार उत्सव आमजन में तनावमुक्त वातावरण फैलाने का कार्य करता है पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के निदेशक फुरकान खान ने बताया कि मानसून की प्रसन्नता को प्रकट करता यह वार्षिक उत्सव विगत वर्षों से काफी लोकप्रिय हो चुका है शनिवार की शाम शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में सुरबहार वाद्य पर डॉ. अश्विन एम. दलवी ने अपनी प्रस्तुति दी पखावज पर मृणाल उपाध्याय एवं तबले पर द्विज गंधर्व ने संगत की शुरूआत में सितार व सुरबहार के सिद्धहस्त वादक एवं म्यूजिक कंपोजर डॉ. अश्विन एम. दलवी ने सुरबहार की उत्पत्ति के बारे में बताया कला-संस्कृति से ही किसी देश की वास्तविक पहचान है इसका उदाहरण है कि यदि सितार में ‘चिकारी’ तार छेड़ दिया जाय तो कोई भी सहृदय व्यक्ति बता देगा कि यह तो हिन्दुस्तान के वाद्य की सरगम है सुर बहार को रूद्रवीणा का भाई भी कहा जाता है उसके बाद कथक दल की प्रस्तुति मल्हार के मद्देनजर रखते हुए रचित पहली प्रस्तुति में प्रकृति की बारिश मोर का नृत्य हिरण का सुंदर चित्रण बारिश गर्जना आदि को गायन शैली में राग मल्हार में प्रस्तुत किया संगीत की रचना उस्ताद समीर उल्लाह खान ने की जो कि किराने घराने के खलीफा है इसके अंतर्गत मल्हार राग में तराना मीरा बाई की रचना बादल देख डरी हो…. मल्हार राग में प्रस्तुति दी राजस्थान की पारंपरिक मियां की मल्हार में आधारित पीलू में शिव स्तुति, जिसकी नृत्य संरचना गुरू स्व. कुंदन लाल गंगाणी ने की उसके बाद ताल साढ़े नौ में कुछ परणे गणेश परण तिहाईयां फरमाईशी इत्यादि प्रस्तुत की तीसरी कृष्णा रूपी सरगम राग बागेश्री पर आधारित कृष्ण जी की कविता राजस्थान की मिट्टी की महक रंग रंगीलो राजस्थान आदि प्रस्तुत की गई अंत में जन्माष्टमी के उपलक्ष में कीर्तन राधे गोविन्द भजो राधे गोविंद मय संगति तथा नृत्य की प्रस्तुति दी गई कथक नृत्य कलाकार नयनिका गंगाणी नंदनी खण्डेलवाल प्रियंका कपिल हर्षिया कंबोज राहुल कुमार आशीष कथक देव सक्सेना पीयूष दीपक खन्ना ने प्रस्तुति दी साथ ही तबले पर पं. योगेश गंगाणी पखावज पर पं. आशीष गंगाणी सारंगी पर गुलाम मोहम्मद सितार पर हरिहरण शरण भट्ट ने संगत की गायन एवं संगीत संरचना उस्ताद समीर उल्ला खान ने की उसके बाद पं. हरीश गंगाणी द्वारा एकल प्रस्तुति मयूर की गत… प्रस्तुत की गई कार्यक्रम का संचालन ओमपाल ने किया इस अवसर पर केन्द्र के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे देश के ख्यात नाम कलाकारों ने शात्रीय संगीत और नृत्यों की उम्दा प्रस्तुतियों से ‘मल्हार’ को यादगार बनाया दर्पण सभागार शिल्पग्राम में रविवार 25 अगस्त को बांसुरी वादन चेतन जोशी द्वारा किया जाएगा उसके बाद नृत्यधारा में पद्मश्री रंजना गौहर दल द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। इस कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क रहेगा