पर्युषण पर्व शरीर को सजाने के लिए नही आत्मा को मंजाने के लिए मुनि श्री सुधींद्र
राजस्थान धड़कन न्यूज योगेश जोशी डूंगरपुर गैंजी आचार्य सुनील सागर महाराज के शिष्य मुनि सुधींद्र सागर क्षुल्लक अकम्प सागर महाराज के सानिध्य में वासुपुज्य जिनालय में प्रातः 7 बजे श्रीजी को पाण्डुक शीला पर विराजमान कर अभिषेक किया पश्चात शांतिधारा हुई पांडुक शीला पर श्रीजी को स्थापित करने का सौभाग्य शांतिलाल का रहा अभिषेक के पुण्यार्जक राजेंद्र शांतिधारा के पुण्यार्जक केशव श्रीजी के चरणों पर केशर चढ़ाने का सौभाग्य भंवर लाल का रहा दशलक्षण महापर्व पर होने वाली विशेष पूजाएं दसलक्षण व पंच मेरू तथा सोलह कारण की पूजा संघस्थ बाल ब्रह्मचारी मयंक भैया ने कराई मुनि श्री ने कहा पर्युषण पर्व शरीर को सजाने के लिए नही आत्मा को मंजाने लिए है धर्म के दस लक्षण अर्थात धर्म को दस भागों में विभाजित किया है प्रथम दिन उत्तम क्षमा अर्थात क्रोध को हमेशा के लिए खत्म करो प्रतिकूलता में भी अनुकूलता बना कर क्षमा भाव धारण कर क्रोध पर विजय प्राप्त करो यह आज के दिन का महत्व है यह जानकारी श्रेष्ठि अनिल जैन संघस्थ बाल ब्रह्मचारिणी अंजली दीदी ने देते हुए बताया पंचमी से नवमीं तक पंचमेरू पूजा होगी सोलहकारण और दशलक्षण पूजा प्रति दिन होगी अष्टमी को पुष्पदंत भगवान का मोक्ष कल्याण मनाया जायेगा इस दिन निर्वाण लड्डू चढ़ाया जायेगा सुगंध दशमी के दिन शीतलनाथ भगवान की पूजा होगी त्रयोदशी से पूर्णिमा तक तीन दिन रत्नत्रय की पूजा होगी अनंत चतुर्दशी को वासुपूज्य भगवान का मोक्ष कल्याण मनाया जायेगा निर्वाण लड्डू चढ़ाया जायेगा इस दिन अनंतनाथ भगवान की पूजा होगी पूर्णिमा को क्षमावाणी पर्व के दिन क्षमावाणी की पूजा होगी मुनि श्री के व सोलहकारण के व्रत 20 अगस्त से प्रारंभ हुए 18 सितंबर को व्रत पूर्ण होगा और मुनि श्री का व महेंद्र भैया मयंक भैया का पारणा 19 सितंबर प्रातः 9 बजे होगा यह जानकारी समाजसेवी अनील कुमार जैन ने दी