सरवाड़:जलझूलनी एकादशी पर मंदिरों से निकली रेवाड़ियां, ठाकुरजी ने किया जल विहार
राजस्थान धड़कन न्यूज़ आशुतोष त्रिपाठी सरवाड़ शहर में जलझूलनी एकादशी का पर्व उल्लास पूर्वक मनाया गया वहीं भारतीय संस्कृति का इन्दूधनुषी जलझूलनी एकादशी का पर्व उल्लास भरे वातावरण में धार्मिक श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया इस अवसर पर शहर के प्राचीनतम और ऐतिहासिक गोपीनाथजी के मंदिर पर सायंकाल 5 बजे सभी प्रमुख मंदिरों के बेवाण एकत्रित हुए और पूजा अर्चना के बाद इन सभी रेवड़ियों की आकर्षण शोभायात्रा प्रारंभ हुई वहीं ढोल बाजों और व मंजीरों की थाप और शंखनाद के बीच गुलाब के फूलों गोटा किनारी और रंग बिरंगी चमकदार के साथ सजी-धजी रेवड़ियों का जुलूस निकाला वहीं यह रेलगाड़ियां आदिनाथ मंदिर महावीर भवन बाबरों की धाटी मोमीन मोहल्ला व अस्थल होता हुआ सांपला दरवाजे के बाहर स्थित धोवानिया तालाब पर पहुंचा जहां सैकड़ो की तादाद में उपस्थित श्रद्धालु नर नारियों ने जय घोषो एवं विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ भगवान का जलाभिषेक किया गया और भगवान की महाआरती उतारी गई बाद में सभी रेवड़ियों को तालाब के किनारे वट वृक्ष के नीचे रखा गया एवं परम्परानुसार राजा बालि की कथा का वाचन पंडित राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी ने कही उसके बाद शंख ध्वनि के साथ आरती की आरती के बाद सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया रेवड़ियों के जुलूस में सबसे आगे स्वर्णकार समाज की रेवाड़ी थी उसके पीछे गोपीनाथ मंदिर रघुनाथ मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर सत्यनारायण मंदिर सीताराम मंदिर रघुनाथ मंदिर(पारीक मोहल्ला)व माली मोहल्ला स्थित रघुनाथ मंदिर की रेवड़िया चल रही थी जुलूस में सभी शामिल श्रद्धालु गोविंद सिंधी हरे गोपाल हरे सर्वेश्वर दीन दयाल हरे संकीर्तन करते हुए चल रहे थे जुलूस के दौरान पूरे रास्ते में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ जमा थी श्रद्धालुओं में धार्मिक मान्यतानुसार रेवड़ियों के नीचे से होकर निकलने की एक अधोषित होड़ सी मची हुई थी सायंकाल यहां परम्परागत मेले का आयोजन भी हुआ पूरा मेले में अलग-अलग प्रकार की दुकानें भी सजाई गई वहीं दर्शनार्थियों से खचाखच भरा हुआ था मेला चौक बाद में रात्रि को रेगरान समाज की ओर से भी बाबा रामदेव महाराज की रेवाड़ी निकाली गई इस काफी संख्या में पुरुष व महिलाएं मौजूद रही