सम्यक ज्ञान शिविर के अंतर्गत स्वयंभू स्तोत्र भक्तामर स्तोत्र छहढाला के अध्ययन के साथ बच्चों को भी कराया जा रहा है धार्मिक अध्ययन
राजस्थान धड़कन न्यूज़ रवि जोशी रामगंजमंडी सम्यग्ज्ञान शिक्षण शिविर एवं मूकमाटी अर्थज्ञान शिविर के तृतीय दिन में प्रात:काल भक्तिमय अभिषेक पूजन के उपरांत सांगानेर से पधारे श्री विनोद जैन आचार्य के द्वारा स्वयंभूस्तोत्र का अध्ययन कराया गया जो कि जैनागम के प्रसिद्ध आचार्य श्री समंतभद्र द्वारा प्रणीत है। इसमें चौबीस तीर्थंकरों की स्तुति की गई है। इसकी रचना गागर में सागर के समान है। साथ ही सांगानेर से पधारे हेमन्त जैन आचार्य ने भक्तामर स्तोत्र एवं मनोज जैन आचार्य ने छहढाला का अध्ययन कराया नगर गौरव शिविर निर्देशक प्रशांत जी आचार्य ने बाल मनुहार को प्रथम भाग का अध्ययन कराया। शिविर संयोजक श्री आकाश जी आचार्य ने बताया सांयकालीन कक्षा में विनोद जैन आचार्य के द्वारा आचार्य श्री की जीवन्त कृति मूकमाटी सारगर्भित माटी से घट बनने की यात्रा का सुन्दर व्याख्यान किया। अन्त में प्रश्न मंच के माध्यम से कार्यक्रम का समापन हुआ। इसके साथ ही बच्चों के द्वारा आर्ट एवं क्राफ्ट करते हुए गुलदस्ता बनाया जो काफी मनमोहक लग रहा था इसके बाद सभी बच्चों को पारितोषिक वितरण किया गया जिसका पुण्य लाभ करुणेश चौधरी गौरव अंकित किंगश्री परिवार को प्राप्त हुआ