जलवायु परिवर्तन भारत के लिए एक गंभीर खतरा डॉ.एन.पी.गांधी सोशल एक्टिविस्ट
राजस्थान धड़कन न्यूज़ रवि जोशी रामगंजमंडी भारत में जलवायु परिवर्तन का प्रचंड प्रभाव: तीव्र मौसम जल संकट और खाद्य असुरक्षा
जलवायु परिवर्तन भारत के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है बढ़ते तापमान अनियमित वर्षा और चरम मौसम की घटनाओं का देश के विभिन्न क्षेत्रों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है
भारत में गर्मी की लहरें तीव्र और अधिक बार-बार हो रही हैं 2024 मे भारत ने रिकॉर्ड तोड़ गर्मी का अनुभव किया जिसके कारण हजारों लोगों की मौत हो गई।अनियमित वर्षा और बढ़ते तापमान के कारण सूखा एक आम घटना बन गया है 2022 में भारत ने 20 वर्षों में सबसे खराब सूखे का सामना किया जिससे कृषि उत्पादन और जल संसाधनों पर भारी प्रभाव पड़ा कम आपूर्ति और बढ़ती मांग के कारण खाद्य कीमतें बढ़ रही हैं 2023 में भारत में खाद्य मुद्रास्फीति 8% से अधिक हो गई जिससे गरीबों और कम आय वाले लोगों के लिए भोजन खरीदना मुश्किल हो गया खाद्य असुरक्षा के कारण भारत में पोषण की कमी भी बढ़ रही है 2021 में UNICEF ने अनुमान लगाया था कि भारत में 5 वर्ष से कम आयु के 5 करोड़ से अधिक बच्चे मध्यम या गंभीर रूप से कुपोषित हैं तेज बारिश के कारण बाढ़ भी अधिक बार हो रही है 2023 में असम और पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों में भारी बाढ़ आई जिसके कारण व्यापक क्षति हुई भारत की तटीय क्षेत्रों में चक्रवातों की तीव्रता और बारंबारता में वृद्धि देखी गई है 2021 में चक्रवात ‘तौकाटे’ ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी तबाही मचाई जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में जल संकट गहरा रहा है कम बारिश बढ़ती आबादी और अत्यधिक जल उपयोग जल संसाधनों पर दबाव डाल रहा है औद्योगिक अपशिष्ट कृषि अपवाह और सीवेज से नदियों और झीलों का प्रदूषण जल संकट को और बढ़ा रहा है सूखे से प्रभावित क्षेत्रों में पानी की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है साल 2022 में कई भारतीय राज्यों में पीने और सिंचाई के लिए पानी की भारी कमी थी अत्यधिक भूजल दोहन के कारण भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है क्योंकि भूजल भारत के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जलवायु परिवर्तन के कारण सूखा बाढ़ और कीटों के प्रकोप जैसी घटनाओं से कृषि उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ा है कम उत्पादन और बढ़ती मांग के कारण खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई है इससे खाद्य असुरक्षा और गरीबी का खतरा बढ़ गया है जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली खाद्य असुरक्षा का सबसे अधिक प्रभाव गरीब और हाशिए पर रहने वाले समुदायों पर पड़ता है
जलवायु परिवर्तन भारत के लिए एक गंभीर खतरा है, जिसके देश के विभिन्न क्षेत्रों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ रहे हैं भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था और आजीविका कृषि पर अत्यधिक निर्भर करती है जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पहले से ही पूरे भारत में महसूस किए जा रहे हैं, और वे आने वाले वर्षों में और अधिक गंभीर होने की संभावना है तीव्र मौसम की घटनाओं जल संकट और खाद्य असुरक्षा को मिटाने के लिए तत्काल और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है हमें जल संरक्षण टिकाऊ कृषि प्रथाओं को अपनाने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में निवेश करने और जलवायु-अनुकूल बुनियादी ढांचे का निर्माण करने की आवश्यकता है। साथ ही हमें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील समुदायों जैसे कि गरीब किसान और महिलाओं का समर्थन करने के लिए नीतियां भी बनानी होंगी यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में अकेला नहीं है यह एक वैश्विक चुनौती है जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता है
लेखक परिचय : डॉ.नयन प्रकाश गांधी चर्चित सामाजिक विचारक है और लगातार पर्यावरण जलवायु परिवर्तन पर जन जागरूकता हेतु सक्रिय है ये उनके अपने विचार है गांधी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के विश्व विख्यात अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आईआईपीएस) मुंबई विश्वविद्यालय के एलुमनाई रहे है