गीता में भगवान ने भी बताया है योग का महत्व: ब्रह्माकुमारी शीतल दीदी
राजस्थान धड़कन न्यूज़ रवि जोशी रामगंजमंडी पूरे देश में मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में रामगंजमंडी की ब्रह्माकुमारी बहनों ने भी खूब उमंग उत्साह के साथ भाग लिया रामगंजमंडी के प्रसिद्ध राधा कृष्ण मंदिर में ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा योग शिविर का आयोजन किया गया जिसमें योग करवाने हेतु विशेष योग टीचर पवन कुमार धाकड़ व उनके नियमित विद्यार्थी जुंबा टीचर कविता खत्री और उनके युगल घनश्याम दास खत्री (हैंडलूम व्यापारी) व सुरेश माहेश्वरी (कोटा स्टोन व्यापारी) को बुलाया गया जिन्होंने इस शिविर में शामिल होने वाले सभी सदस्यों को भिन्न भिन्न प्रकार के योगाभ्यास एवं सूर्य नमस्कार व चंद्र नमस्कार भी करवाए इस योग शिविर का उद्देश्य न सिर्फ शरीर को स्वस्थ बनाना था बल्कि इसके साथ साथ मानसिक व आत्मिक स्वास्थ्य के प्रति भी लोगों को जागरूक करना था जिसके लिए ब्रह्माकुमारी संस्था निरंतर रूप से अथक होकर कार्य कर रही है और दस लाख से भी अधिक परिवार इसका लाभ उठा रहे हैं शिविर में शारीरिक योगा टीचर द्वारा सभी को हल्के फुल्के व्यायाम योग प्राणायाम व सभी को होने वाली सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े योगासन आदि करवाए गए इसके पश्चात् ब्रह्माकुमारी शीतल जो रामगंजमंडी स्थित ब्रह्माकुमारी केंद्र की संचालिका हैं उनके द्वारा सभी को “राजयोग” सिखाया गया और उन्होंने बताया की “आज हम देख रहे है शारीरिक स्वास्थ्य का अच्छी तरह से ध्यान रखने वालों को भी अटैक आ रहा है या टेंशन हो रहा है क्योंकि हम शरीर का ध्यान तो रखते है परंतु उसके साथ साथ उस शरीर को चलाने वाली शक्ति मन और आत्मा का ध्यान रखना भूल जाते है जोकि बहुत जरूरी है और राजयोग मेडिटेशन उसी के ऊपर काम करता है और गीता में स्वयं परमपिता परमात्मा ने अर्जुन को ये राजयोग सिखाया है जिससे वो अपनी कर्मेंद्रियों को जीत पाया साथ ही मीरा ने भी इसी राजयोग के बल से जहर के प्याले को अमृत बनाया है और आज हम जो भी भोजन खा रहे है वो पॉल्यूशन के कारण विषैला हो रहा है जिसे हम राजयोग के द्वारा शुद्ध बना सकते हैं।” इतना ही नहीं सभी को राजयोग मेडिटेशन के द्वारा शांति की अनुभूति कराई और सभी ने इसे निरंतर रूप से करने की बात कही। योग टीचर पवन धाकड़ ने कहा की “बड़ते हुए मोबाइल और कंप्यूटर के यूज के कारण मानसिक स्ट्रेस बड़ रहा है और भोजन भी दिन प्रतिदिन विषैला होता जा रहा है जिससे लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं इसके लिए हमें निरंतर राजयोग मेडिटेशन को अपने जीवन में शामिल करना चाहिए”। सुरेश सोमानी ने कहा की “जब भी मैं ब्रह्माकुमारी दीदियों के संपर्क और केंद्र के किसी भी कार्यक्रम में आता हूं तो सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता हूं जब भी मैं शांति की खोज में निकलता हूं तो सिर्फ केंद्र पर ही मुझे वो शांति मिलती है अंत में सभी योग टीचर व अथितियों को प्रसाद और सौगात दी और सभी को राजयोग मेडिटेशन सीखने हेतु निरंतर रूप से ब्रह्माकुमारी केंद्र पर चलने वाले शिविर में आमंत्रित किया गया