गुरुदेव 108 श्री अपूर्व सागर जी एवम अर्पित सागर जी का हुआ भव्य मंगल प्रवेश
राजस्थान धड़कन न्यूज योगेश जोशी सलूंबर सराडी बीसवीं सदी के प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवर्ती शान्ति सागरजी महाराज के पंचम पट्टाधिश,भारत गौरव, वात्सल्य वारिधि आचार्य वर्धमान सागरजी महाराज के परम प्रभावक शिस्य मुनि 108श्री अपुर्व सागरजी महाराज मुनि 108 श्री अर्पीत सागरजी महाराज एवं क्षुल्लक 105 श्री महोदया सागरजी महाराज ब्रह्मचारी नमन भैया जी का विहार सघं सहित गीगंला आदिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर से सराडी के लिये दोपहर एक बजे हुआ सराडी के पंच लक्ष्मी लाल जैन , झमक लाल जैन सहित पंचो ने अनुरोध किया कि हमारे यहाँ भी आपके चरण पडने चाहिये,ज्ञातव्य है कि सराडी के गौरव आर्यिका माताजी 105 श्री चैत्य मति माताजी अभी भी द्रढ संकल्पीत होकर आचार्य श्री के सघं में वीहार कर रहे हैं एक ही गुरू के शिष्य गुरू भाई होने के नाते परम ज्ञानी जैसा नाम वैसा काम अपुर्व सागरजी महाराज सराडी जाने से कैसे मना कर सकते थे सराडी में सावन के मानसून के प्रवेश के साथ ही आध्यात्म का प्रवेश हुआ श्री 1008 गुरुदेव वर्धमान सागर जी के सुशिष्य गुरुदेव अर्पित सागर जी एवम अपूर्व सागर जी का भव्य मंगल प्रवेश हुआ गांव के जैन धर्मावलंबियों द्वारा गुरुदेव का स्वागत एवम गांव में लाने के लिए गोमती नदी के तट पर गए वहा से ढोल नगाड़ों एवम बैंड की मधुर संगीत तथा फूलो द्वारा स्वागत करते हुए गांव में लाया गया इससे पूर्व गांव में रास्तों तथा मंदिर की गलियों को साफ किया गया और मंदिर को सजाया गया मंदिर के मुख्य मार्ग पर स्वागत द्वार लगाकर सुशोभित किया गया गांव के सेठ झमक लाल जैन , लक्ष्मीलाल जैन पन्नालाल जैन हीरालाल जैन नरेश जैन लोकेश जैन ने महाराज श्री पांव प्रक्षालन कर पूजा अर्चना की इसके पश्चात महाराज श्री के द्वारा मंदिर में प्रवचन दिए गए