समुद्र मंथन ऋषभदेव-भरत भक्त प्रहलाद सत्संग और मर्यादा का वर्णन किया विष पीने वाले ही महादेव बनते हे
राजस्थान धड़कन न्यूज़ रवि जोशी रामगंजमंडी गायत्री शक्तिपीठ पर आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ में आज तीसरे दिन कथाव्यास नीलम शास्त्री ने पुरंजन और अविज्ञात का आख्यान सुनाकर लोगों को आसक्ति से बचने के लिए बताया कि आसक्ति के चलते ही भगवान ऋषभदेव के परम वैरागी पुत्र भरत को पुनः हिरण जन्म लेना पड़ा
समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए दीदी नीलम शास्त्री ने कहा कि हम भी अपने जीवन रूपी समुद्र का अमृत प्राप्ति के लिए बार-बार मंथन करते हैं पर यह आवश्यक नहीं कि हम जो चाहे वही हमें प्राप्त हो दानवों और देवताओं ने भी अमृत की प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन किया था पर निकला विष भगवान शंकर विष पीकर महादेव बन गए हम भी जीवन में अमृत की चाह में कर्म कर रहे हैं परिवार के बुजुर्ग आगे आकर प्रतिकूलता रूपी जहर को पीकर परिवार और समाज को संगठित करें परिवार को संगठित रखने के लिए बुजुर्गों को विषपान करना ही होगा उन्होंने कहां कि भगवान का भजन ही जीवन का मूल उद्देश्य है हिरण्यकश्यप जैसे दुष्ट के घर भी कयादू जैसी भगवद अनुरागी माता होती है तो भक्त प्रह्लाद जैसे सुपुत्र होते हैं जो सात पीढ़ी को तार देते हैं परमात्मा की प्राप्ति में उम्र किसी भी प्रकार का रोड नहीं है बुढ़ापे का इंतजार मत करो बाल्यकाल और युवा अवस्था में भी परमात्मा को प्राप्त किया जा सकता है भजन-कीर्तन-जप-तप-यज्ञ-दान- तीर्थ और दर्शन मनुष्य को जवानी में ही करना चाहिए क्योंकि बुढ़ापे में क्षमता शक्ति स्वास्थ्य नहीं रहता है
काम क्रोध लोभी हमारे जीवन का त्रिकुटा चल पर्वत है हम समस्त जीव हाथी के समान मदमस्त काम क्रीड़ा वासना में संसार रूपी सागर में अटखेलिया कर रहे हैं जब काल रूपी मगरमच्छ हमारे पांव खींचता है तब हमें परमात्मा की सूद आती है योग शिक्षक अंजनी कुमार शर्मा ने बताया की संगीतमय भजनों पर भक्तों ने झूमकर नृत्य करते हुए ज्ञान गंगा में अवगाहन किया
*कृष्ण जन्मोत्सव पर सजेगा कथा पंडाल*
आज शनिवार को भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव की कथा होगी। संपत सोनी गोपाल अग्रवाल ने बताया की इसके लिए व्यापक तैयारियां की जा रही है सारे कथा पंडाल को सजाया जा रहा है