संघर्ष से सफलता : ग्राम से राष्ट्र तक – डॉ. अविनाश जोशी की प्रेरणादायक कहानी
राजस्थान धड़कन न्यूज योगेश जोशी सलूंबर राजस्थान के सलुंबर जिले मे सगतडा के मूल निवासी छत्रपति संभाजीनगर जिले नादरपुर गांव में जन्मे डॉ अविनाश जोशी का बचपन संघर्षमय बिता अपने माता-पिता की कड़ी मेहनत को ध्यान में रखते हुए उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों को अपनाने का मन बनाया व्यापक अध्ययन के साथ बाबासाहेब अम्बेडकर विश्वविद्यालय में बी. कॉम के साथ-साथ एक्यूप्रेशर, प्राकृतिक चिकित्सा और मनोविज्ञान में शिक्षा पूरी की अविनाश ने अपनी शिक्षा में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी प्राइमरी, सेकेंडरी, हायर सेकेंडरी और कॉलेज में हमेशा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए पढ़ाई के दौरान सर्वांगीण ज्ञान के प्रति उनकी लगन के कारण उनका सर्वांगीण विकास हुआ शिक्षा पूरी करने के बाद उन्हें आसानी से नौकरी मिल जाती लेकिन शुरू से ही वह दासता का जीवन जीने के लिए सहमत नहीं थे इसलिए जोशी के मन में कभी नौकरी का ख्याल नहीं आया उन्होंने कुछ व्यवसाय करने और साथ ही एक उद्यमी बनने का सपना देखा अध्यात्म में रुचि होने के कारण अविनाश जोशी ने समर्पण ग्रुप के माध्यम से श्री वैदिक विज्ञान अनुसंधान केंद्र की शुरुआत की ताकि धर्म शास्त्र सभी को समझ में आ सके व्यावसायिक पूरक वातावरण के कारण राजस्थान में छब्बीस वर्ष की आयु में दैनिक उपयोग की वस्तुओं का उत्पादन करके भारत में छह सौ पचास से अधिक लोगों को रोजगार दिया है
जैसे नहाने और कपड़े धोने का साबुन, पूजा सामग्री कुंकू, धूपबत्ती, बालों का तेल एवम अन्य कई उत्पाद सम्मिलित है जोशी का उद्देश्य भारत में भारतीय ग्रंथों पर आधारित प्रस्तुतियों का निर्माण करके भारतीय परंपरा को पुनर्जीवित करना है
अविनाश जोशी द्वारा संचालित संस्था द्वारा लोगो को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है साथ ही सनातन धर्म एवम संस्कृति और वैदिक ज्ञान का प्रसार किया जा रहा है संस्थान द्वारा निम्न कार्य किए जा रहे है
*अदिति ज्योतिष एवं मार्गदर्शन केंद्र
*हिन्दयुवा बिजनेस सलाहकार
*समर्पण वैकल्पिक स्वास्थ्य क्लिनिक
*समर्पण प्रकाशन
*समर्पण इंटरप्राइजेज
* श्रीवैदिक विज्ञान अनुसंधान केन्द्र